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1.शेयर बाजार में Stop loss : एक स्मार्ट निवेशक का सुरक्षा कवच
अगर आपने कभी शेयर बाजार में निवेश किया है या इस क्षेत्र में दिलचस्पी रखते हैं, तो आपने शायद “स्टॉप लॉस” का नाम सुना होगा। लेकिन यह असल में होता क्या है, और इसे समझना क्यों जरूरी है? स्टॉप लॉस एक ऐसा टूल है, जो निवेशकों को शेयर बाजार की अनिश्चितताओं में अपने नुकसान को सीमित करने में मदद करता है। आइए इस ब्लॉग में सरल भाषा में स्टॉप लॉस के बारे में जानें और यह समझें कि किस तरह यह हमारे निवेश को सुरक्षित रख सकता है।
2.Stop loss क्या है?
शेयर बाजार में स्टॉप लॉस एक प्रीसेट ऑर्डर होता है। यह उस स्तर पर शेयर बेचने का एक निर्देश है, जो कीमत के नीचे जाने पर अपने आप सक्रिय हो जाता है। आसान शब्दों में, स्टॉप लॉस एक ऐसा आदेश है जो निवेशक अपने ब्रोकर को देते हैं कि अगर शेयर की कीमत एक निश्चित स्तर से नीचे जाती है, तो उसे बेचा जाए ताकि अधिक नुकसान से बचा जा सके।
उदाहरण के तौर पर मान लीजिए, आपने किसी कंपनी का शेयर 100 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदा है। लेकिन आपको डर है कि बाजार में गिरावट आने पर इसकी कीमत कम हो सकती है। ऐसे में, आप 90 रुपये का स्टॉप लॉस लगा सकते हैं। इसका मतलब है कि अगर शेयर की कीमत 90 रुपये तक गिरती है, तो आपका शेयर खुद-ब-खुद बिक जाएगा, जिससे आप ज्यादा नुकसान से बच जाएंगे।
3. Stop loss का उपयोग क्यों महत्वपूर्ण है?
शेयर बाजार में तेजी और मंदी दोनों समय के लिए स्टॉप लॉस एक प्रभावी टूल है। इसके पीछे कई कारण हैं:
(i) नुकसान को सीमित करना:
स्टॉप लॉस से ट्रेडर अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं। अगर बाजार की स्थिति खराब हो और कीमतें तेजी से गिरने लगें, तो स्टॉप लॉस सक्रिय हो जाएगा और स्टॉक अपने आप बिक जाएगा।
(ii) भावनात्मक निर्णयों से बचाव:
जब हम किसी शेयर को लेकर भावुक हो जाते हैं, तब अक्सर नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है। स्टॉप लॉस निवेशक को ऐसी भावनाओं से बचाने में मदद करता है और लॉजिक पर आधारित निर्णय लेने में सहायक होता है।
(iii) रिस्क मैनेजमेंट:
हर ट्रेडर के पास एक निश्चित जोखिम लेने की क्षमता होती है। स्टॉप लॉस लगाकर वे इस सीमा को निर्धारित कर सकते हैं और बाजार में किसी अप्रत्याशित स्थिति के दौरान अपने जोखिम को कंट्रोल कर सकते हैं।
4. Stop loss को कैसे सेट करें?
स्टॉप लॉस सेट करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है कि आप अपने स्टॉक की लागत के आधार पर एक सीमा तय करें।
मान लीजिए कि आपने एक स्टॉक 100 रुपये में खरीदा है और आप अधिकतम 10 रुपये प्रति शेयर का नुकसान सहने के लिए तैयार हैं। ऐसे में आप स्टॉप लॉस को 90 रुपये पर सेट कर सकते हैं। यदि स्टॉक की कीमत 90 रुपये तक गिरती है, तो यह अपने आप बिक जाएगा और आपका नुकसान 10 रुपये प्रति शेयर तक सीमित हो जाएगा।
5. किस प्रकार के Stop loss होते हैं?
स्टॉप लॉस के कई प्रकार होते हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
( i) फिक्स्ड Stop loss:
यह एक निश्चित मूल्य है जो पहले से तय कर लिया जाता है। उदाहरण के लिए, आप अपने शेयर की कीमत से 10% कम पर स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं। यदि कीमत उस स्तर तक गिरती है, तो शेयर अपने आप बिक जाएगा।
(ii) ट्रेलिंग Stop loss:
यह प्रकार स्टॉप लॉस को शेयर की मौजूदा कीमत के साथ समायोजित करने की अनुमति देता है। उदाहरण के लिए, यदि आपने स्टॉक 100 रुपये में खरीदा और अब वह 120 रुपये तक बढ़ गया है, तो आप अपने स्टॉप लॉस को 110 रुपये पर सेट कर सकते हैं। अगर स्टॉक की कीमत और बढ़ती है, तो आप अपने स्टॉप लॉस को भी ऊंचे स्तर पर ले जा सकते हैं। इससे आपको गिरावट की स्थिति में भी लाभ मिलने की संभावना बनी रहती है।
(iii) वोलैटिलिटी-आधारित Stop loss:
वोलैटिलिटी-आधारित स्टॉप लॉस में, आप उस स्टॉप लॉस को उस शेयर की अस्थिरता के अनुसार सेट करते हैं। अस्थिरता के आधार पर स्टॉप लॉस का फायदा यह है कि यह अप्रत्याशित गिरावट के दौरान भी आपको स्टॉक होल्ड करने का मौका देता है, लेकिन जब गिरावट लंबे समय तक रहती है, तो आपको बाहर निकाल देता है।
6. Stop loss का इस्तेमाल कब करना चाहिए?
हर ट्रेड के लिए Stop loss इम्पोर्टेन्ट होता है , लेकिन खास परिस्थितियों में इसका उपयोग जरूर करना चाहिए। निम्नलिखित स्थितियों में स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करना फायदेमंद हो सकता है:
(i) शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग में :
अगर आप दिन के अंदर ट्रेडिंग कर रहे हैं या कुछ दिनों के लिए ट्रेड ओपन रख रहे हैं, तो स्टॉप लॉस आपको त्वरित नुकसान से बचा सकता है।
(ii) जोखिम भरी कंपनियों के स्टॉक्स में :
छोटी और अस्थिर कंपनियों में निवेश करते समय स्टॉप लॉस का इस्तेमाल आपके नुकसान को नियंत्रित करने में सहायक होता है।
(iii) लंबी अवधि के निवेश के दौरान गिरावट का खतरा होने पर :
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हैं और किसी स्टॉक में भारी गिरावट का अंदेशा है, तो स्टॉप लॉस से अपने निवेश को संरक्षित किया जा सकता है।
7. Stop loss का उपयोग करते समय किन बातों का ध्यान रखें?
Stop loss सेट करते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों को ध्यान में रखना चाहिए ताकि यह आपकी ट्रेडिंग रणनीति में सहायक साबित हो सके।
(i) मार्केट ट्रेंड का ध्यान रखें:
यदि बाजार में उतार-चढ़ाव अधिक है, तो स्टॉप लॉस सेट करते समय इसे थोड़ा लचीला रखना जरूरी है। उदाहरण के लिए, आप ट्रेलिंग स्टॉप लॉस का विकल्प चुन सकते हैं।
(ii) अनावश्यक जोखिम न लें :
स्टॉप लॉस को बहुत नजदीक सेट न करें, वरना छोटे-छोटे उतार-चढ़ाव में आपके स्टॉक्स बेच दिए जाएंगे।
(iii) अनुशासन बनाए रखें:
Stop loss का लाभ तभी है जब आप उसे बदलने से बचते हैं। अगर आप बार-बार स्टॉप लॉस बदलते हैं, तो यह आपके जोखिम नियंत्रण में बाधा बन सकता है।
8. Stop loss की सीमाएँ क्या हैं?
हालांकि स्टॉप लॉस एक उपयोगी उपकरण है, फिर भी इसमें कुछ सीमाएँ हैं। सबसे बड़ी सीमा यह है कि अगर बाजार में अचानक भारी गिरावट आती है, तो आपके स्टॉप लॉस ऑर्डर पर निर्धारित मूल्य से नीचे भी स्टॉक बिक सकता है। इसके अलावा, अत्यधिक अस्थिरता वाले बाजार में स्टॉप लॉस के कारण बार-बार ट्रेड्स बंद हो सकते हैं, जिससे नुकसान भी हो सकता है।
8. क्या Stop loss हमेशा लाभदायक होता है?
स्टॉप लॉस एक सुरक्षा उपकरण है, न कि मुनाफे की गारंटी। यह केवल एक रणनीति है जो आपको संभावित नुकसान से बचाने में सहायक होती है। इसके उपयोग से आपका मुनाफा सुनिश्चित नहीं होता, लेकिन यह आपके नुकसान को कम कर सकता है। stop loss जब IPO का ओपनिंग होती है तो उस स्टॉक में भी स्टॉप लॉस लगाना बहुत ही जरुरी होता है।
10. निष्कर्ष: क्या आपको Stop loss का प्रयोग करना चाहिए?
निवेश और ट्रेडिंग की दुनिया में स्टॉप लॉस का प्रयोग करना समझदारी की निशानी है। यह आपको अपने जोखिम को नियंत्रित करने में मदद करता है और आपकी पूंजी को बचाने में सहायक होता है। सही समय पर और सही तरीके से स्टॉप लॉस का इस्तेमाल करके आप एक बेहतर और अनुशासित निवेशक बन सकते हैं।
हालांकि यह ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है कि हर बार Stop loss सेट करने की आवश्यकता नहीं होती। अपने रिस्क प्रोफाइल, मार्केट के मौजूदा ट्रेंड्स, और व्यक्तिगत निवेश लक्ष्यों के आधार पर स्टॉप लॉस का प्रयोग करना चाहिए।
शेयर बाजार में अनुशासन और सूझ-बूझ के साथ किए गए निर्णय ही सफलता का आधार बनते हैं, और स्टॉप लॉस उनमें से एक अहम उपकरण है।