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Intraday trading time

1.Intraday trading time: an easy understand

शेयर बाजार में निवेश करने के कई तरीके होते हैं, और उनमें से एक बहुत ही लोकप्रिय तरीका है इंट्राडे ट्रेडिंग। इंट्राडे ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है, जिसमें निवेशक एक दिन के भीतर शेयरों की खरीद और बिक्री करते हैं, यानी दिन के अंत तक सभी ट्रांजेक्शन्स को पूरा कर लिया जाता है। इस प्रकार के ट्रेडिंग के लिए एक विशेष समय सीमा होती है, जिसे “इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम” कहा जाता है। इस ब्लॉग में हम इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम के बारे में विस्तार से समझेंगे और इसे कैसे सही तरीके से किया जा सकता है, इस पर भी चर्चा करेंगे।

2. इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है?

इंट्राडे ट्रेडिंग वह प्रक्रिया है, जिसमें निवेशक एक दिन के भीतर शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। इसमें निवेशक एक ही दिन के अंदर बाजार में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाकर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेशक अक्सर शेयरों की छोटी-मोटी कीमतों में परिवर्तन का फायदा उठाते हैं। इसका मतलब यह है कि यदि किसी शेयर की कीमत सुबह में बढ़ रही है, तो उसे खरीदा जाता है और जैसे ही कीमत थोड़ी गिरती है, उसे बेचा जाता है।

इस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए निवेशकों को दिन भर के बाजार के समय का पूरा ध्यान रखना पड़ता है, ताकि वे अपने निवेश पर मुनाफा कमा सकें।

3. इंट्राडे ट्रेडिंग का समय (Intraday Trading Time)

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए बाजार के विशिष्ट समय का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। शेयर बाजार की ट्रेडिंग केवल विशेष घंटों के भीतर ही की जा सकती है।

भारत में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों ही शेयर बाजारों में इंट्राडे ट्रेडिंग का समय सुबह 9:15 बजे से लेकर 3:30 बजे तक होता है।

(i) मार्केट ओपनिंग (9:15 AM – 9:30 AM)

  • 9:15 बजे से बाजार खुलता है और इस समय को ट्रेडिंग का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। पहले 15 मिनट में ज्यादा उतार-चढ़ाव देखा जाता है, क्योंकि निवेशक दिन भर की ट्रेडिंग के लिए अपने व्यापार को शुरू करते हैं।
  • इस समय में अक्सर अधिक वॉल्यूम (संचलित शेयरों की संख्या) और तेजी-धीमी होती है, जिससे एक अच्छे ट्रेडिंग अवसर मिल सकते हैं।

(ii) मार्केट ट्रेंड (9:30 AM – 12:00 PM)

  • यह वह समय होता है जब बाजार के ट्रेंड (रुझान) स्पष्ट होने लगते हैं। ट्रेडर्स इस समय में कई निवेश निर्णय लेते हैं।
  • यदि बाजार में तेजी है, तो इंट्राडे ट्रेडर्स अधिक शेयरों को खरीद सकते हैं, और यदि मंदी है, तो वे बिकवाली पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
  • इस समय में बहुत से निवेशक चार्ट्स और इंडिकेटर्स का उपयोग करते हुए बाजार के दिशा का अनुमान लगाते हैं।

(iii) लंच ब्रेक और मिड-डे (12:00 PM – 1:30 PM)

  • लंच ब्रेक के दौरान बाजार में कम वोल्यूम देखने को मिल सकता है। यह एक ऐसा समय होता है जब बहुत से ट्रेडर्स आराम करने के लिए बाहर जाते हैं।
  • हालांकि, यह समय भी ट्रेडिंग के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि कुछ निवेशक बाजार के छोटे उतार-चढ़ाव का फायदा उठाने की कोशिश करते हैं।

(iv) बाजार का अंतिम चरण (1:30 PM – 3:30 PM)

  • दिन के अंतिम 2 घंटों में बाजार काफी सक्रिय हो जाता है। यहां ट्रेडर्स अपने सारे पोर्टफोलियो को समेटने की कोशिश करते हैं।
  • बहुत से निवेशक दिन के अंत तक सभी पोजीशन क्लोज करने का प्रयास करते हैं, ताकि वे अगले दिन के लिए किसी भी अप्रत्याशित परिवर्तन से बच सकें।
  • इस समय में बाजार के उतार-चढ़ाव पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि यह अंतिम समय होता है जब आपको अपनी पोजीशन को खत्म करना होता है।

4. इंट्राडे ट्रेडिंग में समय का महत्व


इंट्राडे ट्रेडिंग में समय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। आपको सही समय पर सही निर्णय लेना होता है। यदि आपने किसी शेयर को खरीदा है और कीमत थोड़ी बढ़ी है, तो उसे जल्दी से बेचना होता है, वरना कीमत गिर सकती है। समय की कमी के कारण, इंट्राडे ट्रेडर्स को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है।

(i)सही समय पर पोजीशन बनाना

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में सही समय पर पोजीशन बनाना सबसे महत्वपूर्ण होता है। यदि आपने सही समय पर किसी शेयर को खरीदा है, तो आपको लाभ मिल सकता है। इसके लिए आपको बाजार के रुझान को समझना बहुत जरूरी है।

(ii) सही समय पर निकलना

5. इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातें

इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय समय के साथ-साथ कुछ और बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है:

(i) स्टॉप-लॉस का उपयोग करें

  • स्टॉप-लॉस एक प्रकार का सुरक्षा उपकरण होता है जो आपको बड़े नुकसान से बचा सकता है। जब शेयर का मूल्य आपके द्वारा निर्धारित स्टॉप-लॉस स्तर तक गिरता है, तो यह अपने आप बेच दिया जाता है।

(ii) स्मार्ट तरीके से निवेश करें

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में निवेश करते समय हमेशा एक स्मार्ट रणनीति का पालन करें। कभी भी बिना सोचे-समझे कोई निर्णय न लें और न ही इमोशनल ट्रेडिंग करें।

(iii)बाजार के रुझान का विश्लेषण करें

  • जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे होते हैं, तो बाजार के रुझान और तकनीकी संकेतकों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। ट्रेडिंग के लिए चार्ट्स, पैटर्न और संकेतक का सही तरीके से उपयोग करें।

(iv) शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म के बीच अंतर समझें

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में शॉर्ट-टर्म लाभ कमाने की कोशिश की जाती है, जबकि लॉन्ग-टर्म निवेश में लंबे समय तक शेयरों को बनाए रखने का उद्देश्य होता है। दोनों की रणनीतियां अलग होती हैं, इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान आपको अपने निवेश की योजना को स्पष्ट रखना चाहिए।

6. निष्कर्ष

इंट्राडे ट्रेडिंग एक तेज़ और सक्रिय प्रकार का निवेश है, जहां निवेशक दिनभर में एक से अधिक बार शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। इस प्रकार के ट्रेडिंग के लिए एक विशेष समय सीमा का पालन करना होता है, जो 9:15 AM से लेकर 3:30 PM तक होता है। समय का सही उपयोग, बाजार के रुझानों का सही विश्लेषण, और स्मार्ट निवेश रणनीतियां इस ट्रेडिंग को सफल बनाने के महत्वपूर्ण कारक हैं।

हालांकि, इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम भी होता है, इसलिए इस प्रकार की ट्रेडिंग को शुरू करने से पहले अच्छी तरह से अध्ययन और योजना बनाना जरूरी है।

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