what is order type in share market: एक विस्तृत गाइड
शेयर बाजार में निवेश और ट्रेडिंग करते समय ‘ऑर्डर टाइप’ का सही ज्ञान होना बेहद आवश्यक है। यह तय करता है कि आपका निवेश कितनी आसानी और कुशलता से पूरा होगा। इस ब्लॉग में, हम आपको शेयर बाजार में उपयोग होने वाले विभिन्न प्रकार के ऑर्डर्स के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
Table of Contents
मार्केट ऑर्डर (Market Order)
मार्केट ऑर्डर वह है जिसमें आप शेयर को मौजूदा बाजार कीमत पर खरीदने या बेचने का निर्देश देते हैं। यह ऑर्डर तुरंत निष्पादित होता है।
उदाहरण: यदि किसी कंपनी के शेयर की मौजूदा कीमत 500 रुपये है और आप उसे तुरंत खरीदना चाहते हैं, तो आप मार्केट ऑर्डर का उपयोग करेंगे।
लाभ:
तेजी से निष्पादन।
कोई मूल्य सीमा नहीं होती।
हानि:
कीमत में अचानक बदलाव से नुकसान हो सकता है।
लिमिट ऑर्डर (Limit Order)
लिमिट ऑर्डर में आप उस कीमत को निर्धारित करते हैं जिस पर आप शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं।
उदाहरण: यदि आप किसी शेयर को 480 रुपये पर खरीदना चाहते हैं, लेकिन उसकी वर्तमान कीमत 500 रुपये है, तो आप 480 रुपये का लिमिट ऑर्डर लगा सकते हैं।
लाभ:
पूर्वनिर्धारित मूल्य पर ही लेन-देन।
अनावश्यक उच्च कीमतों से बचाव।
हानि:
शेयर की कीमत आपके निर्दिष्ट स्तर तक नहीं पहुंची तो ऑर्डर निष्पादित नहीं होगा।
स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop-Loss Order)
यह ऑर्डर मुख्यतः नुकसान को सीमित करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसमें आप एक विशेष मूल्य स्तर निर्धारित करते हैं, जिस पर ऑर्डर निष्पादित होगा।
उदाहरण: यदि आपने किसी शेयर को 500 रुपये में खरीदा है और नुकसान से बचने के लिए 470 रुपये पर स्टॉप-लॉस सेट किया है, तो जैसे ही कीमत 470 रुपये तक पहुंचेगी, आपका शेयर बेच दिया जाएगा।
लाभ:
बड़े नुकसान से बचाव।
हानि:
अचानक बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण स्टॉप-लॉस ट्रिगर हो सकता है।
गुड-टिल-कैंसल्ड ऑर्डर (Good-Till-Cancelled Order - GTC)
इस प्रकार के ऑर्डर तब तक सक्रिय रहते हैं जब तक कि आप उन्हें रद्द नहीं करते या वे पूरे नहीं हो जाते।
उदाहरण: यदि आप किसी शेयर को 450 रुपये पर खरीदना चाहते हैं, लेकिन मौजूदा कीमत 480 रुपये है, तो आपका ऑर्डर 450 रुपये पर निष्पादित होने तक सक्रिय रहेगा।
लाभ:
बार-बार ऑर्डर लगाने की जरूरत नहीं।
हानि:
लंबे समय तक निष्पादन न होने की संभावना।
डेली ऑर्डर (Day Order)
डेली ऑर्डर केवल एक दिन के लिए वैध होते हैं। यदि ऑर्डर उसी दिन निष्पादित नहीं होता, तो इसे रद्द कर दिया जाता है।
उदाहरण: यदि आप किसी शेयर को 460 रुपये पर खरीदने का ऑर्डर लगाते हैं, लेकिन उस दिन कीमत 460 रुपये तक नहीं पहुंचती, तो ऑर्डर रद्द हो जाएगा।
लाभ:
सीमित समय के लिए वैध।
हानि:
निष्पादन की कोई गारंटी नहीं।
ब्रैकेट ऑर्डर (Bracket Order)
ब्रैकेट ऑर्डर एक एडवांस्ड टूल है जिसमें आप लाभ और हानि दोनों के लिए लिमिट सेट कर सकते हैं। यह खासकर इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए उपयोगी है।
उदाहरण: यदि आप 500 रुपये पर शेयर खरीदते हैं और 520 रुपये पर बेचना चाहते हैं, साथ ही 480 रुपये पर स्टॉप-लॉस सेट करते हैं, तो यह ब्रैकेट ऑर्डर कहलाएगा।
लाभ:
स्वचालित जोखिम प्रबंधन।
हानि:
जटिल प्रक्रिया।
ऑल-ऑर-नथिंग ऑर्डर (All-Or-Nothing Order - AON)
इस ऑर्डर में या तो पूरा ऑर्डर निष्पादित होता है या बिल्कुल भी नहीं होता।
उदाहरण: यदि आप 1,000 शेयर खरीदने का ऑर्डर लगाते हैं और बाजार में केवल 800 शेयर उपलब्ध हैं, तो ऑर्डर निष्पादित नहीं होगा।
लाभ:
आंशिक निष्पादन से बचाव।
हानि:
ऑर्डर निष्पादन की संभावना कम।
निष्कर्ष
शेयर बाजार में सफल निवेश और ट्रेडिंग के लिए सही ऑर्डर टाइप का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है। ‘मार्केट ऑर्डर’ से लेकर ‘ब्रैकेट ऑर्डर’ तक, प्रत्येक का अपना विशेष उपयोग और महत्व है। अपनी निवेश रणनीति और जोखिम सहने की क्षमता के अनुसार सही विकल्प चुनें।
नोट: यह लेख केवल शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।